Edible Oil: महंगा होने वाला है खाने का तेल ! सरकार इंपोर्ट ड्यूटी पर लेने वाली है ये बड़ा फैसला

Shashi Kushwaha
0

Edible Oil: खाने के तेल के दाम को लेकर अब फिर से सुगबुगाहट हो रही है. देश में अब खाने के तेल पर दी जा रही इंपोर्ट ड्यूटी की छूट को वापस लिया जा सकता है. चर्चा है कि पिछले 6 महीने में ग्लोबल ट्रेंड के साथ भारत में भी एडिबल ऑयल की कम होती कीमतों के चलते सरकार अब इनके आयात शुल्क पर दी जा रही छूट को वापस ले सकती है.

पिछले साल सितंबर में सरकार ने लिया था एडिबल ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने का फैसला

खाने के तेल के इंपोर्ट पर पिछले साल सितंबर में आयात शुल्क घटाया गया था. देश में एडिबल ऑयल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया था जिससे खाने के तेलों पर लोगों को राहत मिल सके. हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस बात का फैसला सरसों की ताजी फसल की आवक के बाद लिया जाएगा, इंपोर्ट ड्यूटी के बढ़ाने या इसे दोबारा लागू करने के फैसले पर अंतिम मुहर तभी लगेगी. 

कब तक हो सकता है फैसला

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया है कि घरेलू सरसों की फसल के बाजार में आने के बाद इंपोर्ट डयूटी पर छूट को हटाने का फैसला लिया जा सकता है. ये मई 2023 के आसपास हो सकता है. सोयाबीन प्रोसेसर एसोसिएशन ने हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय के साथ किए गए संवाद में सरकार से सभी तरह के खाने के तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का आग्रह किया है.

किसानों को कम दाम मिलने की आशंका से फैसला लेना जरूरी- सूत्र

सूत्रों का ये भी कहना है कि खाने के तेल के सस्ते इंपोर्ट से देश के किसानों को उनकी सरसों की फसल का सही दाम मिलने में कठिनाई हो सकती है. खड़ी फसल की कटाई अगले महीने के आखिर तक शुरू हो जाएगी. शुरुआती अनुमानों के मुताबिक फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में सरसों के बीज का उत्पादन के 12.5 मिलियन टन (MT) पार करने की संभावना है, जो पिछले साल की तुलना में 7 फीसदी ज्यादा है.

देश में एडिबल ऑयल के आयात के आंकड़ें जानें

देश का सालाना खाने के तेल का आयात 13 मिलियन टन या 1.30 करोड़ टन रहा है जिसमें पाम तेल का इंपोर्ट 80 लाख टन, सोयाबीन का 2 लाख 70 हजार टन और सूरजमुखी के तेल का आयात 20 लाख टन रहा है. पाम तेल का ज्यादातर आयात मलेशिया और इंडोनेशिया से हुआ है और सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल का आयात मुख्य तौर से अर्जेंटीना और यूक्रेन से होता है. वित्त वर्ष 2022 में भारत ने कुल 1.2 खरब डॉलर कीमत के खाने का तेल का आयात किया था. 

पाम तेल के दाम क्यों बढ़े थे और अब क्यों घटे हैं

पाम तेल के ग्लोबल दाम इसलिए बढ़े थे क्योंकि इंडोनेशिया जो पाम तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, उसने पिछले साल 28 अप्रैल को पाम तेल के निर्यात पर रोक लगा दी थी. इस बैन को तीन हफ्ते बाद उठा लिया गया था, और तभी से ग्लोबल बाजार में पाम तेल के दाम कम हो रहे हैं. सरसों के तेल की महंगाई दर दिसंबर 2022 में घटकर 8.6 फीसदी पर आ गई थी. वहीं ग्लोबल बाजार में एडिबल ऑयल के गिरते दामों के चलते देश में सनफ्लावर ऑयल और पाम तेल की महंगाई दर घटकर 5.2 फीसदी पर आ गई थी.

ये भी पढ़ें

Petrol Diesel Price: नोएडा, गुरुग्राम, पटना समेत इन शहरों में सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल, जानिए आज के नये फ्यूल प्राइस

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
एक टिप्पणी भेजें (0)