New Tax Regime: नए टैक्स रिजिम में निवेश पर छूट की व्यवस्था का प्रावधान नहीं है जैसे पुरानी टैक्स व्यवस्था में है. जिसे लेकर सरकार की लगातार आलोचना हो रही है कि नए टैक्स रिजिम में सरकार लोगों को भविष्य के लिए निवेश - बचत के लिए प्रेरित नहीं कर रही. जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन से ये सवाल किया गया तो उन्होंने कि सरकार को टैक्सपेयर्स के सेविंग और खपत की क्षमता को कम कर नहीं आंकना चाहिए. नए टैक्स रिजिम में टैक्सपेयर्स को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं और वो तय कर सकेगा कि बचे हुए पैसे से वो क्या करना चाहता है.
आरबीआई की सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में शिरकत करने के बाद आरबीआई गवर्नर के साथ साझा प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री ने नए टैक्स रिजिम का बचाव करते हुए कहा कि नए टैक्स रिजिम ने आम लोगों, टैक्सपेयर्स और हाउसहोल्ड के हाथों में ज्यादा पैसे छोड़े हैं. इसलिए जो पैसे टैक्स देने के बाद जो पैसे उसके हाथ में बचेंगे, उसे तय करना है कि बचे हुए पैसे का क्या करना है.
निर्मला सीतारामन ने कहा कि मैं किसी हाउसहोल्डर जो अपने परिवार का ख्याल रख रहा है, उनके भविष्य के हितों का ख्याल रख रहा है उसके फैसले लेने की क्षमता को मैं क्यों क्यूं प्रभावित करूं. वित्त मंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति पैसे कमा रहा है वो समझदार है और उसे पता है कि उसे अपने पैसे कहां रखना है. वो बचत करना चाहता है अपने और अपने परिवार के लिए बीमा लेना चाहता हैं तो मैंने उन्हें ऐसा करने से रोका नहीं है.
एक फरवरी 2023 वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए पुराने टैक्स रिजिम में तो टैक्सपेयर्स को कोई राहत नहीं दी. लेकिन नए टैक्स रिजिम के टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रुपये सालाना कर दिया. 3 से 6 लाख सालाना आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा आय पर 30 फीसदी टैक्स स्लैब कर दिया. साथ ही नए टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए 7 लाख रुपये तक सालाना कमाने वालों को टैक्स से छूट देने की सौगात दे दी. सरकार ने 25,000 रुपये टैक्स पर रिबेट दे दी है.
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