SBI To Cut Stake In Yes Bank: निजी क्षेत्र की यस बैंक को 2020 में बेलआउट करने वाली देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक एसबीआई यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटा सकती है. यस बैंक में एसबीआई के लिए लॉक इन पीरियड 6 मार्च 2023 को खत्म होने जा रहा है.
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक में हमेशा के लिए हिस्सेदारी बनाये रखने के पक्ष में नहीं है. और चरणबद्ध तरीके से एसबीआई अपनी हिस्सेदारी को कम करने पर विचार कर रही है. हिस्सेदारी घटाने के लिए एसबीआई को भारतीय रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होगी.
2020 में एसबीआई ने यस बैंक ने पहले 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था. लेकिन 31 दिसंबर 2022 को स्टॉक एक्सचेंज के पास जाम कराये गए जानकारी के मुताबिक एसबीआई के पास अब 26.14 फीसदी हिस्सेदारी है. एसबीआई यस बैंक में सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर है. यस बैंक के बेलआउट प्लान के मुताबिक पूंजी डालने की तारीख के 3 साल बाद तक एसबीआई 26 फीसदी से कम अपनी हिस्सेदारी नहीं घटा सकती है.
मार्च 2020 में आरबीआई ने जब यस बैंक के पुराने बोर्ड को भंग कर टेकओवर कर लिया था तब एसबीआई के अलावा आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक एचडीएफसी ने यस बैंक में पूंजी डालकर उसे संकट से उबारा था. बेलआउट प्लान के नियमों के मुताबिक पूंजी डालने वाले वित्तीय संस्थानों के लिए कुल खऱीदे गए शेयरों में से 75 फीसदी तीन वर्ष तक होल्ड करना जरूरी था. रिटेल निवेशकों पर भी ये नियम लागू हुआ था.
यस बैंक में आईसीआईसीआई बैंक के पास 2.61 फीसदी, एक्सिस बैंक के पास 1.57 फीसदी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के पास 1 फीसदी, एलआईसी के पास 4.34 फीसदी औऱ एचडीएफसी के पास 3.48 फीसदी हिस्सेदारी है. आज के ट्रेड में यस बैंक का शेयर 4.37 फीसदी की गिरावट के साथ 17.50 रुपये पर क्लोज हुआ है.
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