EPFO News: सोशल मीडिया पर ईपीएफ खाताधारक कर रहे 2021-22 के लिए ब्याज नहीं मिलने की शिकायत, जानें ईपीएफओ ने क्या दिया जवाब

Shashi Kushwaha
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EPF Interest Amount Payment: मार्च 2023 का महीना चल रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 खत्म होने को है. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ बोर्ड अब तक ईपीएफ पर सालाना दिए जाने वाले ब्याज दर को तय नहीं कर पाया है. 2021-22 के लिए  ईपीएफ अकाउंट में खाताधारकों की जमा गाढ़ी कमाई पर 8.1 फीसदी ब्याज दर देने का फैसला किया था. जिसे वित्त मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई थी. लेकिन अजीबोगरीब बात ये है कि इसके बावजूद अब तक कई खाताधारकों के खाते में ब्याज की रकम का भुगतान नहीं किया गया है. जिसकी शिकायत ईपीएफ खाताधारक सोशल मीडिया पर कर रहे हैं.  

सोशल मीडिया पर एक नहीं बल्कि कई लोग वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज के रकम नहीं मिलने की शिकायत करते नजर आ रहे हैं. खाताधारकों की शिकायतों का जवाब देते हुए ईपीएफओ ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, प्रिय सदस्य, ब्याज के भुगतान की प्रक्रिया चलती रहती है और जल्द ही आपके खाते में ये नजर आने लगेगी. ब्याज के रकम का पूरा भुगतान किया जाएगा. किसी को भी ब्याज का नुकसान नहीं होगा.

ट्विटर पर कई ईपीएफ खाताधारक बीते वित्त वर्ष के लिए ब्याज नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं. कोमल शर्मा नाम के यूजर ने  लिखा कि ऐप के डाउनलोड करने का क्या लाभ है. हमारे प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज नहीं मिल रहा है. पिछले साल भी बकाया था और इस साल भी पेंडिंग है.  एक और यूजर ने पूछा कि 2021-22 के लिए ब्याज कम मिलेगा. हमें इतना इंतजार क्यों करना पड़ा रहा है? इसे ठीक क्यों नहीं किया जा रहा है? 

 


बीते वर्ष भी प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज नहीं मिलने को लेकर सवाल खड़े हुए थे. जिसके जवाब में वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा था कि किसी भी सब्सक्राइबर को ब्याज का नुकसान नहीं होगा. सभी ईपीएफ खाताधारकों के खाते में ब्याज के रकम को ट्रांसफर किया जा रहा है. लेकिन टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव के चलते सॉफ्टवेयर अपग्रेड किया जा रहा है इसलिए ये स्टेटमेंट में नजर नहीं आ रहा है. वित्त मंत्रालय ने कहा था कि ईपीएफ छोड़ने वाले या ईपीएफ से रकम निकालने वाले सब्सक्राइबर को ब्याज के साथ रकम दिया जा रहा है. 

दरअसल 2021-22 बजट में पीएफ के खाते में 2.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा रकम जमा होने पर उसपर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगा दिया गया था. सरकारी कर्मचारियों के लिए ये लिमिट 5 लाख रुपये सालाना है. टैक्स के नियम में इस बदलाव के चलते ईपीएफओ के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है. जिसके चलते ब्याज मिलने में विलंब हो रहा है. 

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